Header Ads Widget

संत रैदास (रविदास) का जीवन परिचय ओर उनकी रचनाएं

Telegram Group Join Now

संत रैदास (रविदास)  का जीवन परिचय  : -

इनका असली नाम "संत रविदास" था। जो आगे चलकर "रैदास" के नाम से प्रसिद्द हुए थे। रैदास का जन्म चंवर जाति परिवार में सन् 1388 को बनारस में हुआ था। आपकी बेहतर जानकारी के लिए बता दे की रैदास कबीर के समकालीन हैं।

इनकी शिक्षा की बात करें तो रविदास (ravidas in hindi) बचपन से ही बुद्धिमान, बहादुर, होनहार और भगवान के प्रति चाह रखने वाले थे। रविदास जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गुरू पंडित शारदा नन्द की पाठशाला से शुरू की थी। लेकिन कुछ समय पश्चात उच्च कुल के छात्रों ने रविदास जी को पाठशाला में आने का विरोध किया। हालाँकि उनके गुरू को पहले से ही आभास हो गया था कि रविदास को भगवान ने भेजा है।

रविदास जी के गुरू इन उंच-नीच में विश्वास नहीं रखते थे। इसलिए उन्होंने रविदास को अपनी एक अलग पाठशाला में शिक्षा के लिए बुलाना शुरू कर दिया और वहीं पर ही शिक्षा देने लगे। गुरू रविदास जी पढ़ने में और समझने में बहुत ही तेज थे, उन्हें उनके गुरू जो भी पढ़ाते थे वो उन्हें एक बार में ही याद हो जाता था।

बताया जाता है की रैदास की ख्याति से प्रभावित होकर सिकंदर लोदी ने इन्हें दिल्ली आने का निमंत्रण भेजा था। वैसे मध्ययुगीन साधकों में रैदास का विशिष्ट स्थान है। यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा रैदास के जीवन के बारें में बता रहे है, जो इस प्रकार है...


रैदास का पूरा नाम - गुरु रविदास जी

रैदास के पिता का नाम - श्री संतोख दास जी

रैदास की माता का नाम - कलसा देवी

रैदास के दादा का नाम - कालू राम जी

रैदास की दादी का नाम - लखपति जी

रैदास के गुरु का नाम - पंडित शारदा नन्द

रैदास की पत्नी का नाम - लोना देवी

रैदास के बेटे का नाम - विजय दास

रैदास की मृत्यु - 1540 AD (वाराणसी)





Post a Comment

0 Comments