Class 10 science important questions :-
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
1. एककोशिकीय एवं बहुकोशिकीय जन्तुओं की जनन पद्धति में क्या अन्तर है?
उत्तर एककोशिकीय जन्तुओं की अपेक्षा बहुकोशिकीय जन्तुओं को जनन के लिए अपेक्षाकृत अधिक जटिल विधि की आवश्यकता होती है, क्योंकि विशेष कार्य हेतु इनमें विशिष्ट कोशिकाएँ संगठित होकर ऊतक का निर्माण करती है तथा ऊतक संगठित होकर अंग बनाते हैं, शरीर में इनकी स्थिति भी निश्चित होती है।
2. द्विविखण्डन क्या हैं? यह किन जन्तुओं में देखने को मिलता है?
उत्तर कुछ प्रोटोजोआ की कोशिकाएँ विभाजन द्वारा सामान्यतया दो बराबर भागों में विभक्त हो जाती हैं; उदाहरण-अमीबा, पैरामीशियम, आदि।
इस प्रक्रिया में पहले केन्द्रक का विभाजन होता है, तत्पश्चात् कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) का विभाजन होता है, जिससे प्रत्येक कोशिका दो सन्तति कोशिकाओं में बंट जाती है।
3. अगर प्लेनेरिया अथवा हाइड्रा को कई टुकड़ों में काट दें, तो इसका क्या परिणाम होगा? इस क्रिया का वर्णन कीजिए।
(UP 2013)
उत्तर यदि प्लेनेरिया अथवा हाइड्रा को अनेक टुकड़ों में काटा जाता है, तो प्रत्येक भाग वृद्धि एवं विभाजन द्वारा सम्पूर्ण हाइड्रा या प्लेनेरिया का निर्माण कर लेता है। शरीर के नवनिर्माण की इस प्रक्रिया को पुनरुद्भवन कहते हैं।
4. पुनरुद्भवन से क्या समझते हैं?
उत्तर प्रत्येक जीव के किसी भी भाग को काटकर सामान्यतया नए जीव की उत्पत्ति को पुनरुद्भवन कहते हैं; उदाहरण-हाइड्रा या प्लेनेरिया ।
5. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ है?
उत्तर अलैंगिक जनन द्वारा उसी तरह की सन्तति उत्पन्न होती है, जैसा जनक होता है। अत: इनकी सन्ततियों में विभिन्नताएँ होने की प्राय: सम्भावनाएँ नहीं होती हैं।
इसके विपरीत लैंगिक प्रजनन द्वारा युग्मकों के संलयन से विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं, जो जाति के अस्तित्व के लिए जरूरी है। ये विभिन्नताएँ जैव विकास का मुख्य आधार हैं।
6. द्विलिंगी जन्तु किसे कहते हैं? उदाहरण बताइए।
उत्तर जिन जन्तुओं के शरीर में दोनों प्रकार के युग्मकों का निर्माण होता है, उन्हें द्विलिंगी कहते हैं, उदाहरण-केंचुआ, जॉक, आदि।
7. लैंगिक द्विरुपता क्या होती है? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर एकलिंगी जन्तुओं में लैंगिक द्विरूपता पाई जाती है अर्थात् इनमें नर तथा मादा अलग होते हैं तथा दोनों को उनके दैहिक गुणों से पहचान सकते हैं; उदाहरण-मानवा
8. बाह्य निषेचन क्या है? एक उदाहरण दीजिए। (UP 2009)
उत्तर जब निषेचन शरीर के बाहर होता है, तो वह बाह्य निषेचन कहलाता है। यह सदैव जलीय माध्यम में होता है; उदाहरण-मत्स्य तथा उभयचर में।
9. जनसंख्या विस्फोट से क्या तात्पर्य है? 11 मई, 2011 को भारत की जनसंख्या बताइए।
(UP 2012)
उत्तर किसी क्षेत्र विशेष में जनसंख्या का उस स्थिति तक बढ़ जाना कि उस क्षेत्र में उपलब्ध खाद्य-पदार्थ, जल तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन उस जनसंख्या के लिए अपर्याप्त हो जाए, जनसंख्या विस्फोट कहलाता है। आँकड़ों के अनुसार, 11 मई, 2011 को भारत की जनसंख्या 121 करोड़ से अधिक थी।
10. जनसंख्या वृद्धि की दर को समझाइए।
उत्तर किसी निश्चित समय में जनसंख्या में होने वाली वृद्धि को जनसंख्या वृद्धि दर कहते हैं। वर्तमान में विश्व के विकसित देशों में आबादी की औसत वृद्धि दर 2% है। विकासशील देशों में यह दर लगभग 2.4% है।
11. जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न होने वाली दो समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
(UP 2007,06)
उत्तर
(i) रोजगार की समस्या बढ़ती हुई जनसंख्या के अनुपात में रोजगारों की संख्या में वृद्धि पर्याप्त नहीं है, जिससे बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
(ii) खाद्य आपूर्ति की समस्या जनसंख्या की वृद्धि के अनुपात में खाद्यानों का उत्पादन कम हो रहा है, जिसके कारण लोगों को खाद्य सामग्री कम मात्रा में उपलब्ध हो पा रही है और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं।
12. परिवार नियोजन की दो अस्थाई विधियों का वर्णन करो।
उत्तर
(i) लूप अथवा कॉपर-टी स्त्रियाँ लूप लगवाकर गर्भधारण करने से अपना बचाव कर सकती हैं।
(ii) निरोध निरोध का प्रयोग पुरुष द्वारा किया जाता है। इसके प्रयोग से गर्भधारण होने की कोई भी सम्भावना नहीं होती हैं।
13. परिवार नियोजन की स्थाई विधि नलबन्दी पर संक्षिप्त टिप्पणी
उत्तर महिला का ऑपरेशन (नलबन्दी - Tubectomy) यह विधि पूर्ण तथा स्थाई विधि है। इस विधि में स्त्रियों की अण्डवाहिनी को काटकर बाँध दिया जाता है, जिससे अण्डाणु अण्डवाहिका में आगे नहीं बढ़ पाते हैं तथा निषेचन की क्रिया नहीं हो पाती है। यह कार्य सन्तान उत्पत्ति के समय ही कराया जा सकता है।
14. मनुष्य के दाँतों की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (UP 2010)
उत्तर मनुष्य के दाँतों की विशेषताएँ निम्न हैं
(i) विषमदन्ती (Heterodont) मनुष्य में चार प्रकार के दाँत पाए जाते हैं अर्थात् कृन्तक, रदनक, अग्रचर्वणक एवं चर्वणक ।
(ii) द्विबारदन्ती (Diphyodont) मनुष्य के जीवनकाल में अग्रचर्वणक के अतिरिक्त सभी दाँत दो बार निकलते हैं।
15. मनुष्य के प्रत्येक जबड़े में अग्रचर्वणक दाँतों की संख्या बताइए तथा इनके कार्य लिखिए।
(UP 2012)
उत्तर मनुष्य के प्रत्येक जबड़े में चार-चार अग्रचर्वणक दाँत पाए जाते हैं, ये भोजन को कुचलने, चबाने या पीसने में सहायक होते हैं।
16. पाचन तन्त्र में जिह्वा का कार्य बताइए।
उत्तर जिल्हा के कार्य जिह्वा की श्लेष्म कला श्लेष्म स्रावित करती है, जो जिल्हा को गीला बनाए रखने में सहायक है। हम जिल्हा के द्वारा विभिन्न स्वादों का अनुभव करते हैं। इसके अतिरिक्त जिह्वा बोलने, भोजन में लार मिलाने, भोजन को चबाने, निगलने तथा दाँतों में फँसे भोजन के कणों को बाहर निकालने का कार्य करती है।।
17. यदि जिह्वा के पश्चभाग की स्वाद कलिकाएँ नष्ट कर दी जाए, तो मनुष्य को किस स्वाद का अनुभव नहीं होगा? (UP 2007)
उत्तर जिह्वा पर अनगिनत सूक्ष्म स्वाद अंकुर होते हैं। जिह्वा का अग्रभाग मीठा, उसके कुछ पीछे नमकीन, पार्श्व खट्टा तथा पश्चभाग कड़वे स्वाद को ग्रहण करता है। अतः यदि जिह्वा के पश्चभाग में स्थित स्वाद कलिकाएँ हटा दी जाए, तो मुनष्य को कड़वे स्वाद का अनुभव नहीं होगा।
18. रसांकुर कहाँ स्थित हैं? इनका क्या महत्त्व है।
(UP 2007)
रसांकुर का प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर रसांकुर छोटी आँत के शेषान्त्र भाग में पाए जाते हैं। ये आँत के अवशोषण तल को अत्यधिक मात्रा में (लगभग 10 गुना बढ़ा देते हैं। इस प्रकार ये पचे हुए भोजन के अवयवों के अधिक अवशोषण में सहायता करते हैं।
19. मनुष्य में उपस्थित विभिन्न लार ग्रन्थियों एवं उनसे सम्बन्धित नलिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर मनुष्य में निम्न तीन जोड़ी लार ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं
(i) कर्णपूर्व ग्रन्थियाँ (Parotid glands) स्टेन्सन की नलिका
(i) अधोहनु ग्रन्थियाँ (Submaxillary glands) व्हारटन की नलिका
(ii) अधोजिह्वा ग्रन्थियाँ (Sublingual glands) रिविनस या बर्थोलिन की नलिकाएँ
20. मनुष्य की दो पाचक ग्रन्थियों के नाम तथा कार्य बताइए।
(UP 2006)
उत्तर मनुष्य की दो पाचक ग्रन्थियाँ निम्नलिखित हैं
(i) जठर ग्रन्थियाँ ये आमाशय में स्थित होती हैं। इनका कार्य जठर रस करना है।
(ii) अग्न्याशयिक ग्रन्थि इनका कार्य अग्न्याशयिक रस तथा हॉर्मोन (इन्सुलिन व ग्लूकैगॉन) स्रावित करना है। अग्न्याशयिक रस एक पूर्ण पाचक रस है। यह ग्रहणी में पहुँचकर पाचन में सहायता करता है।
(iii) अग्न्याशयिक रस में एमाइलेस, लाइपेस तथा ट्रिप्सिन एन्जाइम होते हैं। इस ग्रन्थि द्वारा स्त्रावित हार्मोन का कार्य कार्बोहाइड्रेट उपापचय का नियमन करना है।
21. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि का नाम लिखिए तथा उसके कार्य का वर्णन कीजिए।
(UP 2012, 11)
अथवा
पाचन में यकृत की भूमिका बताइए ।
उत्तर मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि यकृत है।
यकृत के कार्य इसके कार्य निम्न हैं
• पित्तरस का स्रावण करना।
• हिपैरिन नामक प्रतिस्कन्दन कारक एवं रुधिर स्कन्दन की महत्त्वपूर्ण प्रोटीनों का उत्पादन एवं स्रावण ।
• विभिन्न माध्यमों की सहायता से मानव शरीर की वसीय एवं कार्बोहाइड्रेट उपापचय का नियमन करना।
• पित्त लवण एवं वर्णकों का उत्सर्जन करना ।
22. स्वपोषी तथा परपोषी में अन्तर बताइए।
उत्तर
स्वपोषी ऐसे जीव, जो अपने भोजन का निर्माण स्वयं करते हैं, 'स्वपोषी कहलाते हैं; जैसे-हरे पौधे CO, व HD से प्रकाश तथा पर्णहरिम की उपस्थिति में अपने भोज्य पदार्थों का निर्माण स्वयं कर लेते हैं।
परपोषी जो जीवधारी अपने भोज्य पदार्थों का निर्माण स्वयं नहीं कर पाते, परपोषी कहलाते हैं; जैसे-मनुष्य।
23. प्रोटीन्स क्या हैं? इनका निर्माण किन-किन अवयवों के भाग लेने से होता है?
(UP 2014)
उत्तर प्रोटीन्स जीवद्रव्य का निर्माण करने वाले प्रमुख जैविक पदार्थ हैं। ये शरीर में हुई टूट-फूट की मरम्मत करते हैं। प्रोटीन की संरचना जटिल होती है। ये जीवित जीवों के शरीर का 14% भाग बनाती हैं। ये सामान्यतया कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के संयोग से बनी होती हैं। इनकी संयोजन इकाइयाँ अमीनो अम्ल होते हैं।
24. पानी में घुलनशील दो विटामिन्स के नाम एवं इनकी कमी से होने वाले रोगों को बताइए।
उत्तर विटामिन B तथा विटामिन C जल में घुलनशील विटामिन्स हैं। विटामिन B की कमी से बेरी-बेरी रोग तथा विटामिन-C की कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है।
25. विटामिन A की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है? इसके भोज्य स्त्रोतों को लिखिए।
(UP 2009)
उत्तर विटामिन A की कमी से रतौंधी नामक रोग हो जाता है। इसके भोज्य स्रोत गाजर, हरी सब्जियाँ, घी, मक्खन, अण्डे, मछली का तेल, आदि हैं।
26. विटामिन D की कमी से होने वाले दो रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर विटामिन-D की कमी से होने वाले रोग निम्न हैं।
(UP 2008)
(i) सूखा रोग या रिकेट्स यह रोग बच्चों में होता है। इसमें हड्डियाँ क्षीण, लचीली तथा टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं।
(ii) अस्थि मृदुता रोग या ऑस्टियोमैलेशिया इसमें वयस्कों में हड्डियाँ क्षीण व लचीली हो जाती हैं।
27. पाचन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर जटिल तथा अघुलनशील खाद्य पदार्थों को विभिन्न भौतिक एवं रासायनिक प्रक्रियाओं के द्वारा घुलनशील तथा अवशोषण योग्य बनाना पाचन कहलाता है।
28. पाचन क्रिया भौतिक क्रिया है अथवा रासायनिक क्रिया है।
(UP 2010)
उत्तर पाचन क्रिया मुख्यतया एक रासायनिक क्रिया है, जिसमें रासायनिक अभिक्रियाओं के साथ ही साथ कुछ भौतिक क्रियाएँ भी सम्पन्न होती हैं; जैसे-
(i) यान्त्रिक या भौतिक पाचन इसमें भोजन को चबाना, आमाशय में भोजन की लुगदी बनाना, आहारनाल में क्रमाकुंचन गति (पेशीय संकुचन) के कारण भोजन को आगे खिसकाना, आदि सम्मिलित हैं।
(ii) रासायनिक पाचन इसके अन्तर्गत पाचक ग्रन्थियों द्वारा स्रावित रस के एन्जाइम्स जटिल अघुलनशील भोज्य पदार्थों को सरल घुलनशील इकाइयों में तोड़ देते हैं।
29. क्रमाकुंचन से आप क्या समझते हैं? आहारनाल में होने वाली क्रमाकुंचन गति का क्या लाभ है?
उत्तर क्रमाकुंचन गति स्वायत्त तन्त्रिका तन्त्र के नियन्त्रण में एक प्रतिवर्ती क्रिया के रूप में होती है। यह पाचन प्रक्रिया की महत्त्वपूर्ण क्रिया है, जो भोजन को पाचन नलिका में सुगमता से चलाने हेतु आवश्यक है; जैसे- भोजन को ग्रासनली से पेट में ले जाने हेतु या पेट से भोजन को छोटी आँत में ले जाने हेतु तथा वहाँ फिर कोलन तथा अन्त में गुदा तक ले जाने हेतु इसकी आवश्यकता होती है। इस गति का निर्माण आहारनाल में उपस्थित पेशियों के कारण होता है
30. लार में कौन-सा एन्जाइम होता है और वह किसका पाचन करता है?
अथवा
लार का मण्ड पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अथवा
भोजन के पाचन में लार की क्या भूमिका है?
उत्तर लार में टायलिन एन्जाइम पाया जाता है। यह स्टार्च का आंशिक पाचन करता है अर्थात् इस एन्जाइम की उपस्थिति में मण्ड शर्करा में बदल जाता है।
31. कौन-से एन्जाइम्स प्रोटीन पाचन में सहायक हैं?
(UP 2010, 09, 05)
उत्तर आमाशय के जठर रस में पेप्सिन, छोटी आँत के अग्न्याशयिक रस में ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन, कार्बोक्सीपेप्टीडेज तथा आन्त्रीय रस में इरेप्सिन नामक एन्जाइम प्रोटीन पाचन में सहायक हैं।
32. पित्तरस कहाँ बनता है?
(UP 2006)
उत्तर पित्तरस यकृत की कोशिकाओं में बनता है तथा यकृत के नीचे स्थित पित्ताशय नामक संरचना में संचित रहता है।
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