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छायावादी युग की प्रमुख विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)

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छायावाद की मुख्य विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) :-


 1. आत्माभिव्यक्ति

 2. नारी-सौंदर्य और प्रेम-चित्रण

 3. प्रकृति प्रेम

 4. राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण

5.  रहस्यवाद

 6. स्वच्छन्दतावाद

 7. कल्पना की प्रधानता

 8. दार्शनिकता



# छायावाद के प्रमुख आधार क्या है?

Answer: छायावाद के प्रमुख चार स्तंभ हैं - महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, जयशंकर प्रसाद और सुमित्रानंदन पंत।


# छायावादी युग का दूसरा नाम क्या है?


छायावाद में हिन्दी ब्रज भाषा के स्थान पर खड़ी बोली कविता पूर्णतः प्रतिष्ठित हो गई। इसे साहित्यिक खड़ी बोली का स्वर्ण युग कहा जाता है।



# छायावाद की पहली रचना कौन सी है?


Answer. झरना छायावाद की प्रथम रचना मानी जाती है


# छायावादी युग के गद्य लेखक कौन है?


जयशंकर प्रसाद (चन्द्रगुप्त), प्रेमचन्द ( गबन, गोदान), बाबू गुलाबराये ( मेरी असफलताएँ) ,आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (चिन्तामणि) आदि छायावाद युग में गद्य को समृद्ध करने वाले प्रमुख लेखक हैं।



# छायावादी युग के सबसे प्रमुख निबंधकार कौन है?


Answer: जयशंकर प्रसाद (30 जनवरी 1889- 15 नवंबर 1937), हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के 

चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।


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