Header Ads Widget

Class 10 chapter 3 प्रकाश का अपवर्तन (refraction of light )

 

Chapter 3

प्रकाश का अपवर्तन (refraction of light

प्रकाश का अपवर्तन (refraction of light):–

किसी समांग माध्यम में प्रकाश की किरणें एक सरल रेखा में गमन करती है परंतु जब प्रकाश कि किरणें  एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है तो दोनों माध्यमों की पृथक कारी पृष्ठ पर वे अपने मार्ग से विचलित हो जाती हैं ।
अत: " प्रकाश किरणों के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर उनके पथ में परिवर्तन की घटना , प्रकाश का अपवर्तन कहलाती है।"



प्रकाश के अपवर्तन से संबंधित परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:–

(i) आपतित किरण(Incident ray):–

प्रथम माध्यम(वायु) से चलने वाली प्रकाश की किरण(OA) को आपतित किरण कहते हैं।

(ii) अपवर्तित किरण(refracted ray):–

द्वितीय माध्यम (कांच) में चलने वाली प्रकाश की किरण(AB) को अपवर्तित किरण कहते हैं।

(iii) आपतन बिंदु (point of incidence):–

आपतित किरण , पृथक कारी पृष्ठ के जिस बिन्दु पर गिरती है उस बिंदु को आपतन बिंदु कहते हैं।

(iv) अभिलंब(Normal) :–

आपतन बिंदु पर पृथक कारी पृष्ठ के लंबवत रेखा(N1 AN2) को अभिलंब कहते हैं।

(v) आपतन कोण(incident angle):– 

आपतित किरण व अभिलंब के बीच बना कोण आपतन कोण कहलाता है। इसे i से प्रदर्शित करते हैं ।

(vi) अपवर्तन कोण (refraction angle):–

अपवर्तित किरण व अभिलंब के बीच बना कोण अपवर्तन कोण कहलाता है इसे r प्रदर्शित करते हैं।

(vii) सघन माध्यम(Densar medium):– 

यदि अपवर्तित किरण, आपतित किरण के सापेक्ष अभिलंब की ओर झुक जाती है, तो दूसरे माध्यम को पहले माध्यम के सापेक्ष सघन माध्यम कहते हैं।

(viii) विरल माध्यम (Rarer medium):–

यदि अपवर्तित किरण, आपतित किरण के सापेक्ष अभिलंब से दूर हट जाती है, तो दूसरे माध्यम को पहले माध्यम के सापेक्ष विरल माध्यम कहते हैं।

अपवर्तन के नियम(Laws of refraction):–

प्रथम नियम:–

अपवर्तन के प्रथम नियम के अनुसार , आपतित किरण ,अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं।

द्वित्तीय नियम :–

अपवर्तन के द्वितीय नियम के अनुसार, किन्हीं दो माध्यमों के लिए आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात नियतांक होता है ।


अर्थात    sini/sinr = constant

इस नियम को स्नेल का नियम भी कहते हैं।

अपवर्तनांक का प्रकाश की चाल से संबंध (Relation between refraction index and speed of light):–

किसी माध्यम का अपवर्तनांक, निर्वात अथवा वायु में प्रकाश की चाल व उस माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात के बराबर होता है।

माध्यम का अपवर्तनांक(n) = निर्वात अथवा वायु में प्रकाश की चाल(c) /  माध्यम में प्रकाश की चाल(v)
=⟩ n = c
/v

अतः किन्ही दो माध्यमों के लिए, प्रथम माध्यम के सापेक्ष द्वितीय माध्यम का अपवर्तनांक उन माध्यमों में प्रकाश की चालो के अनुपात के बराबर होता है


उदाहरण:–


वायु के सापेक्ष कांच का अपवर्तनांक ,
ang = वायु में प्रकाश की चाल(c) /  कांच में प्रकाश की चाल(Vg)
ang = c
/Vg ...................(i)

इस प्रकार , वायु के सापेक्ष जल का अपवर्तनांक
anw = वायु में प्रकाश की चाल (c) / जल में प्रकाश की चाल(Vw)
anw = c/Vw .................(ii)

समीकरण (ii) को समीकरण(i) से भाग देने पर
anw/ang = Vg/Vw = gnw

अर्थात दो माध्यमों का वायु के सापेक्ष आपवर्तनांको का अनुपात उन दोनो माध्यमों में प्रकाश की चाल के अनुपात के व्युत्क्रम के बराबर होता है।

नोट :  एक माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का आपवर्तनांक प्रकाश के रंग पर निर्भर करता है तथा इसका मान बैंगनी रंग के लिए सबसे अधिक व लाल रंग के लिए सबसे कम होता है।

क्रांतिक कोण(Critical angle):–

जब कोई प्रकाश किरण किसी सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती है , तो अपवर्तन  कोण r का मान आपतन कोण i से अधिक होता है।
अब " यदि आपतन कोण का मान धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं , तो आपतन कोण के एक विशेष मान के लिए अपवर्तन कोण का मान 90° हो जाता है।
आपतन कोण के इस मान को क्रांतिक कोण कहा जाता है। इसे C से प्रदर्शित  करते हैं।



पूर्ण आंतरिक परावर्तन(total internal reflection):–

प्रकाश की किरणें एक सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाने पर यदि आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से अधिक कर दिया जाए , तो प्रकाश की किरण दोनों माध्यमो को अलग करने वाले पृष्ठ से पूर्ण रूप से परावर्तित होकर उसी माध्यम में वापस लौट जाती हैं। इस घटना को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते हैं ।



प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के लिए निम्नलिखित दो प्रतिबंध आवश्यक होते हैं :–

(i) प्रकाश सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाना चाहिए ।
(ii) आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक होना चाहिए ।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन के दैनिक जीवन में प्रयोग:–

(i) कांच में पड़ी दरारों का चमकना
(ii)हीरे का चमकदार दिखाई देना
(iii)जल में परखनली का दिखाई देना
(iv) रेगिस्तान में मरीचिका



(v) ठंडे देशों में मरीचिका











Thanks for watching...............





Share and comment kare.............

Post a Comment

0 Comments