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कक्षा 12 भौतिक विज्ञान पाठ 7 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

कक्षा 12 भौतिक विज्ञान पाठ 7 विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव(part 1) :–

चुम्बकीय क्षेत्र :–

 
किसी चुम्बक के चारो ओर का वह क्षेत्र जहां पर उसके प्रभाव का अध्यन किया जाएं, चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता हैं।

ओस्ट्रेड का प्रयोग :–


जिस प्रकार एक चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र स्थापित हो जाता है ठीक उसी प्रकार चालक के चारों ओर जिसमें विद्युत धारा बह रही हो चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित हो जाता है।
गतिमान आवेश तथा विद्युत धारा अपने चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र स्थापित करते हैं।

धारावाहिक चालक के कारण उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र या बायो सेवर्ट नियम:



बायो और सेवर्ट ने विभिन्न धारावाहिक चालकों द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्रों का अध्यन करने के लिए अनेक प्रयोग के आधार पर उन्हें बताया कि किसी धारावाही चालक के लघु अवयव ∆l
के कारण बिंदु p पर चुंबकीय क्षेत्र निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है ।

‌ 1.यह चालक में प्रवाहित धारा i के अनुक्रमानुपाती होता है।              (1)
‌ 

2.यह चालक के अवयव  की लंबाई ∆l के अनुक्रमानुपाती होता है।            (2)


‌ 3.अवयव की लंबाई तथा बिंदु p से मिलाने वाली रेखा के बीच के कोण के जया के अनुक्रमानुपाती होता है।                (3)


‌ 4.यह बिंदु p की अवयव से दूरी r के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है                (4)
 

 समीकरण 1,2,3 और 4 को मिलाने पर,

चुम्बकीय क्षेत्र B= 4π×10-⁷i∆lsinथीटा/ r²

चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के नियम:–

 दाएं हाथ के हथेली के नियम:– 



यदि हम दाएं हाथ के पंजे फैला कर इस प्रकार रखें कि अंगुलिए अंगूठे के लंबवत ऐसे रहे कि अंगूठा चालक में बहने वाली धारा i की दशा तथा फैली हुई अंगुलियां बिंदु p की ओर संकेत करें तो चुंबकीय क्षेत्र की दिशा लंबवत बाहर की ओर होगी।

 मैक्सीबल का दाएं हाथ का नियम :– 


 

यदि हम दाएं हाथ में चालक को इस प्रकार पकड़े की अंगूठा चालक की दिशा में तथा मुड़ी हुई अंगुलियां चालक के परितः चुंबकीय बल रेखाओं की दिशा को प्रदर्शित करते हैं।

 मिक्सीबल का दक्षिणी वर्ती पेंच का नियम:–




यदि हम किसी पेचकस को दाएं हाथ में पकड़ कर किसी पेंच को इस प्रकार घुमाए की पेच की नोक चालक में बहने वाली धारा की दिशा में आगे बढ़े तो पेच को घुमाने के लिए अंगूठे के घुमाने की दिशा ही चुंबकीय बल रेखाओं की दिशा होगी ।


निर्वात की चुंबकशीलता का मात्रक एवं विमीय सूत्र :–

म्यु जीरो = निर्वात के चुंबकशीलता

μ०= 4π×10–⁷ न्यूटन/एम्पियर ²  or  { वेबर/एंपियर–                                                                          मीटर}=[MLT–²]/[A²]=[MLT–²T–²]


महत्वपूर्ण:–

  अल्फा कण का द्रव्यमान  प्रोटॉन के द्रव्यमान का 4 गुना होता है।





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